धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
It truly is believed that normal chanting of Chalisa provides joy, peace, and prosperity from the lives from the devotees.
It consists of forty verses (chalisa), written within the Hindi language. The chalisa is structured within a poetic format which is commonly recited by devotees as a method to praise and search for blessings from Lord Shiva.
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अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
शनिदेव मैं shiv chalisa in hindi सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥